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Mei, Mere apne or Sampurn sansar
शुक्रवार, 14 दिसंबर 2018
जो नेता कभी देश की मर्यादा थे
भ्र्ष्टाचार में कंठमय लिप्त होकर
अपनी मान मर्यादा व् अस्मिता को
दिन प्रति दिन खोते जा रहे हैं |
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