शनिवार, 30 मार्च 2019




खैर ख़्वाहों की जरूरत हैं देश को
ख्वाब गाहों के बाशिंदों की नहीं |
वायदों को  जामा पहिनाने वाले चाहिए
 जुमले बाजों को अब कोई ठिकाना नहीं 

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