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Mei, Mere apne or Sampurn sansar
शनिवार, 27 फ़रवरी 2016
क्योँ हम अपनी जिंदगी को
नेस्तानाबूद करने में लगे हैं
जिंदगी भर हाथ धोकर बस
पैसों के पीछे पड़े रहते हैं ।
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क्योँ हम अपनी जिंदगी को नेस्तानाबूद करने में लगे ...
बिना सोचे समझे हम क्यो किसी से भी दोस्ती कर लेते ...
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