कुत्ते की पूंछ
आज के माहौल में ये लोकोक्ति चरितार्थ हो रही है कि
"कुत्ते की पूंछ को १२ साल तक नलकी में रखी टेढ़ी ही निकली "
वर्तमान शासकों पर यह लोकोक्ति सटीक और साफ़ फिट होती है
५५ माह में भी कुछ नहीं हुआ
और अब जब तेरहवी होने लगी तो कुछ होश आया
"पर अब पछताए होत क्या जब चिड़ियाँ चुग गई खेत"
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