यहाँ भेद ना किया जाता है
पुष्प और पत्थर को संग रखके
दोनों मस्तक को छूते हैं
कोई मूर्ति कोई माला बनके
यहाँ पत्थर भी पूज्य हैं
मन्दिर में स्थापित करके
ठोकर से नवाजा जाता है
जब राह में अवरोधक बनते
यहाँ पुष्पों को सराहा जाता है
मूर्ति पै माल्यार्पण करके
उतार कर फैंक दिया जाता
दुर्गन्ध का जब प्रदर्शन करते
शुक्रवार, 2 जनवरी 2009
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