बुधवार, 3 दिसंबर 2008

मेरी अन्तिम इच्छा

मेरी प्रार्थना
उन सत्पुरुषों से
जो मेरे दिवंगत होने पर
मृत शव को देखने
कफ़न डालने अथवा
श्रधान्जली अर्पित करने आयेंगे ,
सवयम दर्शन करें
अन्यों को दर्शन कराएँगे
पर मेरे कुटुम्बियों हेतु
मेरे दिव्य मुख से
कफ़न का पट
कभी ना हटायेंगे ,
बल्कि उन धन -लौलुप
स्वार्थी कपटी क्रूर
भाई बंधू -माता -बहिन
सभी को मेरे शव से
दूर-दूर हटायेंगे ,
मेरे पार्थिव तन को
कुटुम्बियों ने स्पर्श कर दिया तो
मेरी शुद्ध आत्मा को
मलिन कर
स्वर्गवासी होने के बदले
नरकगामी बना जायेंगे ,
इस लिए मेरी अर्थी को
अपने कन्धों पर रख
मेरी पत्नी और बच्चों से
स्पर्श करा ,
उन्हें सांत्वना दे
शमशान घाट ले जाएंगे
मेरी पुत्रियों से
सभी क्रियाकर्म करा
मंत्रोचार के पश्चात्
अग्निदेव को समर्पित कर
राम का अंश
राम में मिला कहते
पंच्तात्वा विलीन कर
अपने -अपने घर
प्रस्थान कर जाएंगे ,



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