उधर्व भाग का
अवलोकन कर
स्पंदन पा
चुम्बन कर
नयनाभिराम कर
सुष्ठुता को दरढ़ं कर
किंचित मात्र सा
तर्पण कर
स्वप्नों में खो गया
मध्य भाग का
मंथन कर
घर्षण कर
किंचित सा
अर्पण कर
आत्मविभोर हो
समर्पण कर
वैरागी बन गया
निम्न भाग को
नमन कर
अंगों का
आचमन कर
सिसकियों का
संचारण कर
स्वयम सर्वस्व का
स्खलन कर
फ़िर करता है प्रभंजन
संसय और
अनियमित जीवन
अवलोकन कर
स्पंदन पा
चुम्बन कर
नयनाभिराम कर
सुष्ठुता को दरढ़ं कर
किंचित मात्र सा
तर्पण कर
स्वप्नों में खो गया
मध्य भाग का
मंथन कर
घर्षण कर
किंचित सा
अर्पण कर
आत्मविभोर हो
समर्पण कर
वैरागी बन गया
निम्न भाग को
नमन कर
अंगों का
आचमन कर
सिसकियों का
संचारण कर
स्वयम सर्वस्व का
स्खलन कर
फ़िर करता है प्रभंजन
संसय और
अनियमित जीवन
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