नव वर्ष की
नव बेला पर
नव अंकुर यौं
उपजित हों
हम सब भारतवासी
सुख संपदा व्
धन वैभव से
विभूषित हों ,
सूर्य चंद्रमा
दोनों आकर
अपना तेज व
शीतलता से
हम सब की
झोली भर दे
अपनी संस्क्रती की
रक्षा कर
पग -पग कर
हम बढ़ते रहें ,
तारों के प्रकाश से भी
हम सब भारतीय
जाज्वालित होते रहें
घनश्याम भी
छत पर आकर
समय -समय पर
बरसतें रहें,
इन्द्रधनुष भी
सतरंगे रंगों में
हम सबको
रंगों से रंगतें रहें ,
देवलोक से
देवता भी आकर
हम सब पर
पुष्प अर्पित करते रहें
देवलोक से
अप्सराएँ आकर
न्रत्य संगीत व्
सुर ताल से
हम सबको
आनंदित करती रहें ,
हम सब भारतवासी
इस नववर्ष में भी
सभी सुखों से
आन्दंदित हों
रविवार, 28 दिसंबर 2008
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